Friday 1 February 2013


सारी गलती जनता की होती है, चुप से घर नहीं बैठ सकती, जो कुछ हो मुह बंद कर के सह नहीं सकती, क्यों मांग करती है, मांग नहीं पूरी हुई तो बेवजह आन्दोलन ,प्रदर्शन करती है, आंसू गैस तो छोड़ी जायेगी,लाठी तो खानी पड़ेगी, प्रतिनिधि की हैसियत देखे जनता और अपनी हैसियत देखे, इतनी हिम्मत जनता की , कि वो माननीयों से सवाल पूछे,या मिलने कि मांग करे, इस दुस्साहस कि सजा तो मिलेगी जनता को, हर हाल में मिलेगी , क्या जानती है जनता कि देश कैसे चलता है, चली है सलाह देने, अरे एक दो केस हो गए तो क्यों इतना हल्ला मचा रखा , इतने बड़े देश में इतना तो होगा ही, आन्दोलन करना भी है तो अकल होनी चाहिए कि मास्टर माइंड लोग भी हैं जो यग्य को यग्य के समय या बाद में  विध्वंस में बदलने कि सलाहियत रखते हैं ,कैसे पार पाओगे ... झूठ ही झूठ के इस प्रांगण में सच कि छाया नहीं मिलेगी, अपितु सच को ही झूठ सिद्ध कर दिया जाएगा,चक्रव्यूह झूठ  था जिसमें सच का अभिमन्यू सच में वीरगति को प्राप्त हुआज़िंदा रहने कि इच्छा ही जनता कि वो गलती है जो सारे झगडे कि जड़ है,

No comments:

Post a Comment